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नकली प्रोडक्ट्स का खुलासा: अमेजन के गोदाम से बड़ी छापेमारी

19 मार्च को दिल्ली में हुए एक बड़े ऑपरेशन के दौरान Bureau of Indian Standards (BIS) ने Amazon Sellers Pvt. Ltd. के गोदाम पर छापा मारा। इस रेड के दौरान, 15 घंटे की लंबी प्रक्रिया में 3500 से अधिक प्रोडक्ट्स जब्त किए गए। इन प्रोडक्ट्स में Geysers, Food Mixers, और अन्य electronic devices शामिल थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इन प्रोडक्ट्स में से कई पर ISI mark या तो नहीं था, या फिर नकली ISI labels लगाए गए थे। इस कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए सामानों की कुल कीमत लगभग 70 लाख रुपये अनुमानित की गई है।

🔴 मुख्य बिंदु:

  • 3500 से अधिक प्रोडक्ट्स जब्त हुए

  • ISI certification का पालन न करने वाले प्रोडक्ट्स

  • Nakkali ISI labels की मौजूदगी

  • कुल कीमत 70 लाख रुपये का सामान

अमेजन का बयान: हम कानून का पालन कराते हैं 📢

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Credit: bharattvnews

इस मामले पर Amazon India की तरफ से एक औपचारिक बयान जारी किया गया है। कंपनी ने कहा, “Amazon भारत में एक मार्केटप्लेस के रूप में काम करता है। हम अपने प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बेचने वाले sellers से उम्मीद करते हैं कि वे सभी कानूनों और हमारी नीतियों का पालन करें। अगर ऐसा नहीं होता, तो हम उचित कार्रवाई करते हैं।”

अमेजन का यह भी कहना है कि वह अपने ग्राहकों को एक बेहतरीन shopping experience देने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करता है।

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छापेमारी से जुड़ी अन्य जानकारियाँ 🏢🔍

इस रेड का संबंध केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था। पिछले हफ्ते BIS ने Tamil Nadu के Tiruvallur district में भी Amazon और Flipkart के गोदामों पर छापेमारी की थी। इस दौरान भी बड़ी मात्रा में un-licensed products जब्त किए गए थे।

विशेष रूप से, Amazon के Puduvoyal warehouse से 3376 products जब्त किए गए थे, जिनमें insulated flasks, food containers, metallic portable water bottles, sealing fans, और toys शामिल थे। इन सभी प्रोडक्ट्स पर BIS standards mark नहीं था, जिनकी कुल कीमत 36 लाख रुपये आंकी गई।

Amazon और Flipkart पर दबाव बढ़ा: क्या आगे और कार्रवाई होगी? ⚖️

अब यह सवाल उठता है कि क्या इस छापेमारी के बाद Amazon और Flipkart पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी या फिर इस मुद्दे को हल करने के लिए उन्हें और कदम उठाने होंगे। इस तरह की छापेमारी से बड़े e-commerce platforms को यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर बिक रहे प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता और कानूनी स्थिति पर अधिक ध्यान देना होगा।

🔹 फ्लिपकार्ट और अमेजन के लिए चुनौती

इस प्रकार की BIS की छापेमारी से Amazon और Flipkart दोनों को अपने sellers की निगरानी बढ़ाने का दबाव होगा। उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले products सभी आवश्यक certifications के साथ हों और किसी भी illegal products की बिक्री को रोका जाए।

🔹 सोशल मीडिया पर बढ़ी बहस

इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी Amazon और Flipkart के बारे में बहस छेड़ दी है। ग्राहकों का मानना है कि e-commerce platforms को अपनी policies और quality checks को कड़ा करना चाहिए ताकि वे ऐसी घटनाओं से बच सकें।

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conclusion: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी 💡

यह घटना एक कड़ा संदेश देती है कि e-commerce platforms को अपने sellers के खिलाफ सख्त निगरानी और नियंत्रण रखना होगा, ताकि ग्राहकों को authentic products मिल सकें। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं, और यह उनके लिए एक अवसर भी है कि वे अपनी product listing policies को और अधिक मजबूत करें।

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अस्वीकरण (Disclaimer):

यह लेख केवल जागरूकता और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। हम Amazon या BIS के खिलाफ कोई नकारात्मकता नहीं फैलाते। हमारा उद्देश्य केवल ग्राहकों को authentic और certified products की ओर मार्गदर्शन करना है, ताकि उनकी खरीदारी सुरक्षित और भरोसेमंद हो। कृपया किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले पूरी जांच करें। आपकी सुरक्षित खरीदारी हमारी प्राथमिकता है! 😊💼

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