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Toggleकांग्रेस फिर जीरो, लेकिन AAP को हरवाया : केजरीवाल और राहुल की होशियारी से बीजेपी को मिला बहुमत 🏛️
दिल्ली चुनाव के नतीजे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक बड़ा संदेश लेकर आए हैं। कांग्रेस फिर से ज़ीरो पर रही, लेकिन उसने AAP को 14 सीटों पर हराकर एक बार फिर राजनीति में अपनी अहमियत साबित करने की कोशिश की। 💥
अगर कांग्रेस और AAP का गठबंधन होता तो क्या होता? 🤔

दिल्ली चुनाव के नतीजे बताते हैं कि अगर कांग्रेस और AAP एक साथ लड़ते, तो बीजेपी को बहुमत हासिल करने में मुश्किल होती। इस गठबंधन के परिणामस्वरूप दोनों पार्टियों के पास 37 सीटें हो सकती थीं, जबकि बीजेपी सिर्फ 34 सीटों तक ही सीमित रह जाती। 🔴
AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने की वजहें

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी थी। कांग्रेस के नेता अजय माकन ने केजरीवाल को ‘देशद्रोही’ और ‘फर्जी’ तक कह डाला था। साथ ही, कांग्रेस ने शराब घोटाले के खिलाफ भी कई आंदोलन किए थे, जो AAP के खिलाफ मजबूती से खड़ा हुआ था। 🗣️
केजरीवाल और राहुल का व्यक्तिगत संघर्ष 🚨
सीट | बीजेपी प्रत्याशी को मिले वोट | AAP प्रत्याशी को मिले वोट | AAP की हार का अंतर | कांग्रेस प्रत्याशी को मिले वोट |
---|---|---|---|---|
संगम विहार | 54049 | 53705 | 344 | 15863 |
त्रिलोकपुरी | 58217 | 57825 | 392 | 6147 |
जंगपुरा | 38859 | 38184 | 675 | 7350 |
तिमारपुर | 50429 | 49460 | 969 | 7827 |
राजेंद्र नगर | 46671 | 45440 | 1231 | 4015 |
मालवीय नगर | 39564 | 37433 | 2131 | 6770 |
ग्रेटर कैलाश | 49594 | 46406 | 3188 | 6711 |
नई दिल्ली | 30088 | 25999 | 4089 | 4568 |
छतरपुर | 80469 | 74230 | 6239 | 6601 |
महरौली | 38349 | 46567 | 8218 | 9338 |
मादीपुर | 52019 | 41120 | 10899 | 17958 |
बादली | 61192 | 46029 | 15163 | 41071 |
कस्तूरबा नगर | 38067 | 18617 | 19450 | 27019 |
नांगलोई जाट | 75272 | 49021 | 26251 | 32028 |
कांग्रेस और AAP के नेताओं के बीच बयानबाजी का सिलसिला भी तेज़ हुआ। राहुल गांधी ने केजरीवाल को मोदी के साथ एक जैसा बताया, जबकि केजरीवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि उनका संघर्ष देश को बचाने के लिए है, न कि अपनी पार्टी को। 😤
AAP की खोई हुई सीटें और कांग्रेस की हार
कांग्रेस ने कई सीटों पर AAP के कद्दावर नेताओं को चुनौती दी। दिल्ली के कई इलाकों में कांग्रेस ने चुनावी रणनीति के तहत मजबूत उम्मीदवार उतारे, लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। 🔻
कांग्रेस का मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर फोकस 🔍
कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में अपने पारंपरिक मुस्लिम और दलित वोटों को ध्यान में रखते हुए प्रचार किया। कांग्रेस ने कई सीटों पर इन वर्गों को साधने की कोशिश की, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ। 🗳️
केजरीवाल के 'फ्री मॉडल' का असर कम पड़ा 💸
AAP का फ्री मॉडल कांग्रेस और बीजेपी ने भी अपनाया, लेकिन इस बार इसका प्रभाव कम हुआ। सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप और मुफ्त सेवाओं का बड़ा मुद्दा चुनावी परिणामों में दिखाई दिया।
कांग्रेस और AAP के घोषणापत्र का मुकाबला
जहां AAP ने महिलाओं के लिए मुफ्त ट्रांसपोर्ट और बिजली का वादा किया, वहीं कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए 2500 रुपये प्रति माह देने का वादा किया। यह चुनावी घोषणाएं दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण थीं, लेकिन किसका वादा ज्यादा असरदार था, यह चुनाव नतीजों से स्पष्ट हो गया। 📝
कांग्रेस और AAP की आगे की रणनीतियाँ 🛠️
अब देखना होगा कि कांग्रेस और AAP अगले चुनावों में अपनी रणनीतियों को कैसे तैयार करते हैं। क्या दोनों पार्टियाँ आपस में गठबंधन कर सकती हैं या अलग-अलग अपनी-अपनी राह पर चलेंगी?
चुनाव विश्लेषण के बाद AAP और कांग्रेस की भविष्यवाणियाँ 🔮
दिल्ली चुनाव के बाद की राजनीति में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। क्या AAP अपनी लीडरशिप को मजबूत रख पाएगी, या कांग्रेस अपनी खोई हुई ताकत को वापस हासिल कर पाएगी?
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Disclaimer:
यह लेख सिर्फ जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। चुनावी विश्लेषण और घटनाओं की व्याख्या पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के विचारों पर आधारित है।