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Toggleबजट 2025 : इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं, लेकिन 3 लाख तक की कमाई रहेगी टैक्स फ्री! 💰📊
बजट 2025 और इनकम टैक्स की नई खबरें

इस बार के बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है। हालांकि, कुछ मामूली बदलाव जरूर हुए हैं। सरकार ने पुरानी टैक्स रिजीम में 2.50 लाख तक की कमाई पर टैक्स छूट दी है, लेकिन 2 लाख से बढ़ाकर यह सीमा अब तक सिर्फ 2.50 लाख तक ही बनी हुई है। जबकि, नई टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। वहीं, सैलरीड पर्सन्स के लिए 7.75 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री रहेगी। यह कदम टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए उठाया गया है, लेकिन क्या इसके तहत सैलरी वालों को ज्यादा फायदा होगा? आइए, हम इस आर्टिकल में विस्तार से समझते हैं कि नई और पुरानी टैक्स रिजीम में क्या फर्क है और कौन सा ऑप्शन आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। 🤔
नई और पुरानी टैक्स रिजीम : दोनों में क्या अंतर है?

जैसा कि हम जानते हैं, सरकार ने बजट 2025 में दो प्रकार की टैक्स रिजीम का प्रावधान रखा है: एक पुरानी और दूसरी नई। दोनों रिजीम में टैक्स की दरें और छूट के नियम अलग-अलग हैं। इसलिए, यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी इनकम और निवेश की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सही ऑप्शन का चुनाव करें।
नई टैक्स रिजीम
नई टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब्स को सरल किया गया है और बहुत से टैक्स डिडक्शन्स को हटा दिया गया है। हालांकि, इसमें टैक्स रेट्स कम हैं, जो टैक्सपेयर्स को कम टैक्स चुकाने में मदद करते हैं।
- टैक्स फ्री इनकम की सीमा बढ़ी: इस रिजीम में 3 लाख रुपये तक की कमाई पर टैक्स नहीं लगता।
- सैलरी वालों के लिए टैक्स छूट: नई टैक्स रिजीम में सैलरी वालों को 75,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है, जिससे उनकी 7.75 लाख रुपये तक की कमाई पूरी तरह टैक्स फ्री हो जाती है।
- टैक्स डिडक्शन का अभाव: हालांकि, इस रिजीम में आपको उन छूटों का फायदा नहीं मिलता जो पुराने टैक्स रिजीम में मिलती थीं।
पुरानी टैक्स रिजीम
पुरानी टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को टैक्स डिडक्शन्स का पूरा फायदा मिलता है। अगर आप इस रिजीम को चुनते हैं, तो आपको PPF, EPF, ELSS जैसी योजनाओं में निवेश करने पर टैक्स बचत का फायदा मिल सकता है।
- कमाई पर टैक्स छूट की सीमा: पुरानी टैक्स रिजीम में 2.50 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता, और 5 लाख रुपये तक की कमाई पर सेक्शन 87A के तहत जीरो टैक्स का फायदा मिलता है।
- निवेश पर छूट: अगर आप कई टैक्स डिडक्शन योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आप अपनी टैक्सेबल इनकम को घटा सकते हैं।
पुरानी और नई टैक्स रिजीम में टैक्स बचाने के तरीके
अब हम जानते हैं कि दोनों टैक्स रिजीम में क्या अंतर है, तो सवाल यह है कि कौन सी रिजीम टैक्स बचाने के लिहाज से ज्यादा फायदे की हो सकती है। यहां हम आपको कुछ अहम बिंदुओं के बारे में बताएंगे, जो टैक्स बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
न्यू टैक्स रिजीम : सरल और आसान
नई टैक्स रिजीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें टैक्स स्लैब्स को सरल बनाया गया है। यदि आपने पहले टैक्स डिडक्शन का फायदा नहीं लिया है, तो यह रिजीम आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
- सैलरी वालों के लिए छूट: सैलरीड पर्सन को 7.75 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट मिलती है, जिससे उन्हें अपनी सैलरी के आधार पर अधिक राहत मिलती है।
- कोई टैक्स डिडक्शन नहीं: अगर आप टॉप-अप निवेशों जैसे PPF, EPF आदि पर टैक्स बचत करना चाहते हैं, तो नई टैक्स रिजीम में इनकी छूट उपलब्ध नहीं है।
पुरानी टैक्स रिजीम: निवेश का फायदा
पुरानी टैक्स रिजीम को चुनने पर आप विभिन्न टैक्स डिडक्शन्स का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपकी टैक्सेबल इनकम काफी कम हो सकती है।
- PPF, EPF, ELSS में निवेश पर छूट: इन योजनाओं में निवेश करने से आपको टैक्स बचाने का अच्छा अवसर मिलता है।
- होम लोन पर टैक्स छूट: यदि आपने होम लोन लिया है, तो आपको ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की छूट मिल सकती है।
- मेडिकल पॉलिसी पर छूट: सेक्शन 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी में किए गए खर्च पर 25,000 रुपये तक की छूट मिलती है।
कैसे कर सकते हैं 10 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री?

अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम को चुनते हैं और कुछ स्मार्ट टैक्स बचत उपायों का पालन करते हैं, तो आप अपनी 10 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री बना सकते हैं। आइए जानते हैं वह मुख्य तरीके:
- 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट (Section 80C): अगर आप PPF, EPF, ELSS, National Savings Certificate (NSC) जैसे टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, तो आपको 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
- होम लोन ब्याज (Section 24): अगर आपने होम लोन लिया है, तो आप उस पर चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की छूट ले सकते हैं।
- मेडिकल पॉलिसी पर खर्च (Section 80D): अगर आपने मेडिकल पॉलिसी ली है, तो इस पर 25,000 रुपये तक की छूट मिलती है।
- NPS में निवेश (Section 80CCD): यदि आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करते हैं, तो आपको अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है।
इस तरह, इन सभी छूटों को मिलाकर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक आ सकती है, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
क्या है 5 लाख रुपये तक टैक्स बचाने का तरीका?
अगर आपकी कमाई 10 लाख रुपये तक है और आपने ऊपर बताए गए सभी उपायों का पालन किया है, तो आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक हो सकती है। इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा क्योंकि इनकम टैक्स के सेक्शन 87A के तहत 5 लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स छूट मिलती है।
आपके लिए कौन सा ऑप्शन है सही?
अब सवाल यह उठता है कि आपको किस टैक्स रिजीम का चुनाव करना चाहिए। यदि आप टैक्स बचाने के लिए विभिन्न निवेशों का इस्तेमाल करते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। वहीं, अगर आप सरलता और कम टैक्स रेट चाहते हैं और टैक्स डिडक्शन के झंझट से बचना चाहते हैं, तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।
अस्वीकरण :
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रदान किया गया है। इसमें दी गई जानकारी वित्तीय, कानूनी या किसी अन्य पेशेवर सलाह का विकल्प नहीं है। टैक्स और निवेश से संबंधित निर्णय लेने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या टैक्स विशेषज्ञ से परामर्श करें।