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Toggleवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान – बैंकों को लोन पर ब्याज दरें कम करने की जरूरत 🏦
भारत की वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण ने हाल ही में SBI Banking and Economics Conclave 2024 में महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि बैंकों को loan interest rates को कम करने की जरूरत है। उनके मुताबिक, उच्च borrowing costs भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में रुकावट डाल रहे हैं।
प्रमुख बिंदु:

- निर्मला सीतारमण ने कहा कि borrowing costs वाकई में ज्यादा हैं। अगर हम industries को बढ़ावा देना चाहते हैं और देश में capacity building को बढ़ाना चाहते हैं तो हमें interest rates को किफायती बनाना होगा।
- वर्तमान में Reserve Bank of India (RBI) की repo rate 6.50% है और पिछले 10 monetary policy meetings से यह दर स्थिर रखी गई है।
- यह बयान उस समय आया है जब भारत की विकास दर को बढ़ावा देने के लिए low-cost loans की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
ब्याज दरों में कमी का असर 🚀

वित्त मंत्री का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि भारतीय banking system में ब्याज दरों को कम करने की आवश्यकता है, ताकि businesses और consumers को राहत मिल सके। Interest rates को नियंत्रित करने से inflation और economic growth पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है।
क्या होती है repo rate? 🤔
Repo rate वह दर है जिस पर RBI बैंकों को ऋण देता है। जब RBI अपनी repo rate में वृद्धि करता है, तो बैंकों के लिए ऋण महंगे हो जाते हैं और इसका असर consumer loans और business loans पर पड़ता है। इसलिए, जब RBI ब्याज दरों को घटाता है, तो उधारी सस्ती हो जाती है, जिससे economic activity को बढ़ावा मिलता है।
पीयूष गोयल का समर्थन - RBI को ब्याज दरें घटाने की जरूरत 🔽

इससे पहले, Union Minister Piyush Goyal ने भी कहा था कि RBI को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए। उनका मानना था कि borrowing costs को कम करके economy को गति दी जा सकती है। हालांकि, RBI Governor Shaktikanta Das ने अपनी ओर से कोई बड़ा बयान नहीं दिया और कहा था कि वह Monetary Policy मीटिंग में इस विषय पर अपनी राय साझा करेंगे।
Inflation पर दबाव बढ़ता हुआ ⚖️
वित्त मंत्री ने कहा कि inflation पर tomato, onion, और potato जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों की वजह से दबाव बना हुआ है। उन्होंने बताया कि जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव देखे जाएंगे।
अक्टूबर 2024 में retail inflation 6.2% पर पहुंची 🌶️
अक्टूबर में retail inflation 14 महीने के उच्चतम स्तर पर यानी 6.2% पर पहुंच गई है, जबकि इससे पहले यह 5.5% थी। सब्जियों की कीमतों में तेजी से food inflation में वृद्धि हुई है, जिससे cost of living पर दबाव बढ़ा है।
Inflation का ये दबाव मुख्य रूप से food prices से उत्पन्न हो रहा है, जैसे कि tomatoes, onions, और potatoes की कीमतों में अचानक वृद्धि।
क्या होगा आगे?
RBI और government को आर्थिक गति को बनाए रखने के लिए आगे क्या कदम उठाने होंगे? क्या interest rates में कटौती inflation को और बढ़ा सकती है? इन सवालों का जवाब आने वाली Monetary Policy मीटिंग में मिलेगा।
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डिस्क्लेमर :
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसका किसी भी निवेश या वित्तीय निर्णय के लिए सुझाव नहीं माना जाना चाहिए। ब्याज दरों, वित्तीय नीतियों, और आर्थिक बदलावों के बारे में अंतिम निर्णय लेने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। हम इस लेख में दी गई जानकारी की सत्यता और पूर्णता की गारंटी नहीं देते। कृपया सावधानी से विचार करें। 🙏💼