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इस साल होली के दिन, 14 मार्च को एक खगोलीय घटना हो रही है – पूर्ण चंद्रग्रहण! 🌘 यह ग्रहण अपने साथ एक अद्भुत दृश्य लेकर आ रहा है, जिसे ‘ब्लड मून’ के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा? और क्या इसका सूतक काल मान्य होगा? चलिए, जानते हैं इस खगोलीय घटना के बारे में सब कुछ! 🚀

क्या होता है चंद्रग्रहण? 🌕

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Credit: indianexpress

चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। इस दौरान चंद्रमा सूर्य से आने वाली रोशनी को पूरी तरह से नहीं प्राप्त कर पाता और इस स्थिति को ही चंद्रग्रहण कहते हैं। यह घटना कई प्रकार की होती है, और हर प्रकार का ग्रहण अपनी विशेषता रखता है।

चंद्रग्रहण के प्रकार: 🔮

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चंद्रग्रहण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

  • पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse):
    जब पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढक लेती है, तो इसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल या ‘ब्लड मून’ जैसा हो जाता है, जो एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न करता है। 🌑

  • आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse):
    जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के केवल एक हिस्से को ढकती है, तो इसे आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस दौरान चंद्रमा का केवल एक हिस्सा लाल रंग में दिखाई देता है। 🌗

  • उपच्छाया चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse):
    इसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा के एक छोटे हिस्से को ढकती है, जिससे चंद्रमा थोड़ा धुंधला दिखाई देता है। यह ग्रहण कम स्पष्ट होता है, लेकिन फिर भी एक खगोलीय घटना होती है। 🌔

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क्या भारत में दिखाई देगा 'ब्लड मून'? 🇮🇳

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Credit: india

14 मार्च 2025 को होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दिन में घटित होगा, यानी सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 तक। 🌞 चूंकि यह चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार दिन में होगा, इसलिए इसे भारत में देखा नहीं जा सकेगा।

सूतक काल भी मान्य नहीं होगा क्योंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह चंद्रग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, और अन्य कुछ देशों में दिखाई देगा।

भारत में 'ब्लड मून' का सूतक काल: क्या होगा प्रभाव? 🌒

सूतक काल वह समय होता है जब ग्रहण का असर महसूस होने लगता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि, यदि भारत में यह ग्रहण दिखाई देता तो सूतक काल के दौरान विशेष सावधानियां रखनी होती हैं, जैसे पूजा-पाठ में रुकावट, भोजन नहीं करना, आदि।

चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय और धार्मिक महत्त्व 🕉️

चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से भी बड़ा महत्व है। राहु और केतु को ग्रहण का कारण माना जाता है, जिनके डसने से ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है। ज्योतिष के अनुसार, केतु के कारण ही यह ग्रहण होगा। 🐍

14 मार्च को होने वाला यह चंद्रग्रहण कन्या राशि में होगा, जिससे कन्या राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण उनके लिए अशुभ फल देने वाला हो सकता है। ऐसे जातकों को खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

क्या अगले चंद्रग्रहण में भारत में दिखाई देगा 'ब्लड मून'? 📅

इस साल 14 मार्च को चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 7-8 सितंबर 2025 को होने वाला है। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका प्रभाव भारतीयों पर पड़ेगा। अगर आप खगोलशास्त्र के शौक़ीन हैं तो इस दिन का इंतजार कर सकते हैं! 🌍

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निष्कर्ष:

14 मार्च को होली के दिन होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यदि आप इस चंद्रग्रहण के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो खगोलशास्त्रियों के लेख और वीडियो देख सकते हैं। वहीं, यदि आप ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इस ग्रहण का प्रभाव देखना चाहते हैं, तो विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है, खासकर कन्या राशि के जातकों को। ✨

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डिस्क्लेमर:

इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य उद्देश्यों के लिए है। हम खगोलशास्त्र और ज्योतिष के बारे में पूरी तरह से सटीक जानकारी देने की कोशिश करते हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की खगोलीय घटना या धार्मिक मान्यता के बारे में व्यक्तिगत या व्यावसायिक निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों से परामर्श करें। किसी भी घटना के प्रभाव और महत्व को समझने के लिए अतिरिक्त शोध और विशेषज्ञ सलाह आवश्यक हो सकती है।

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