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मंगलवार शाम को आया भूकंप, झटके महसूस किए गए!

मंगलवार शाम को भारत के एक हिस्से में अचानक भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र Bengal Bay (बंगाल की खाड़ी) के नजदीक था, और इसकी गहराई 10 किलोमीटर के आसपास रही। भले ही यह भूकंप शक्तिशाली था, लेकिन National Center for Seismology (NCS) के अनुसार, इस भूकंप से किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के हल्के-फुल्के झटके महसूस किए गए हैं, लेकिन यह घटना कुछ अलग थी।

📌 किस समय आया था भूकंप?

भूकंप मंगलवार को 6:55 PM (शाम 6 बजकर 55 मिनट) पर आया था। यह समय लगभग शाम का था, जब लोग अपने घरों और कार्यालयों में व्यस्त थे।

भूकंप की तीव्रता और गहराई की पूरी जानकारी 🧑‍🔬

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Credit: bbci

रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 4.8 मापी गई है। यह एक मध्यम स्तर का भूकंप था, जिसका मतलब है कि यह जानलेवा नहीं था, लेकिन फिर भी महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई पर था, जिससे यह कुछ हलचलें पैदा हुईं, लेकिन नुकसान का कोई रिपोर्ट नहीं आई है।

🔎 क्या होता है जब भूकंप कम गहराई पर आता है?

जब भूकंप का केंद्र कम गहराई पर होता है (10 किलोमीटर या उससे कम), तो झटके ज़्यादा महसूस होते हैं। गहरे भूकंप में ज़मीन के अंदर ऊर्जा अधिक फैलती है, जिससे उस क्षेत्र में कम असर होता है।

बंगाल की खाड़ी: भूकंप का क्षेत्र 🌊📍

Bengal Bay (बंगाल की खाड़ी) भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक विशाल समुद्री खाड़ी है, जो Indian Ocean (हिंद महासागर) का हिस्सा है। यह खाड़ी भारत के पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों से घिरी हुई है। इस क्षेत्र में भूकंपों की घटनाएं आम हैं, क्योंकि यहां tectonic plates (टेक्टोनिक प्लेट्स) की हलचल और सक्रियता बनी रहती है।

भूकंप क्यों आते हैं? जानें इसकी वैज्ञानिक वजह 🧐🔬

भूकंप तब आते हैं जब पृथ्वी की सतह के नीचे tectonic plates (पृथ्वी की परत के विशाल टुकड़े) आपस में टकराते हैं, अलग होते हैं, या एक-दूसरे के नीचे सरकते हैं। इस प्रक्रिया में energy (ऊर्जा) संचित होती है और जब यह ऊर्जा एक सीमा से अधिक हो जाती है, तो earthquakes (भूकंप) होते हैं।

🌍 Earth’s Crust (पृथ्वी की परत) में मौजूद ये प्लेट्स धीरे-धीरे एक-दूसरे से टकराती हैं या खिसकती हैं, जिससे seismic waves (भूकंपीय तरंगें) पैदा होती हैं, जिन्हें हम earthquakes (भूकंप) के रूप में महसूस करते हैं।

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भूकंप की प्रक्रिया:

  • Energy Build-up – प्लेट्स के बीच ऊर्जा का संचय।

  • Release of Energy – जब ऊर्जा अधिक हो जाती है, तो प्लेट्स टूटती हैं।

  • Seismic Waves – टूटने से उत्पन्न तरंगें पृथ्वी की सतह पर महसूस होती हैं।

भूकंप के दौरान क्या करें? अपनी सुरक्षा के उपाय 🛑🛡️

भूकंप के झटके महसूस होते समय, अपनी और दूसरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित कदम उठाएं:

    • छिप जाएं – किसी मजबूत वस्तु के नीचे छिपें, जैसे कि टेबल या कुर्सी।

    • बाहर न जाएं – भूकंप के झटके आते समय बाहर न जाएं, क्योंकि गिरते हुए मलबे से चोट लगने का खतरा रहता है।

    • खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें – यदि आप घर में हैं, तो खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें ताकि कांच टूटने का खतरा न हो।

    • इमरजेंसी किट तैयार रखें – पानी, टॉर्च, और जरूरी सामान हमेशा तैयार रखें।

निष्कर्ष: भूकंप को लेकर सतर्क रहें ⚠️

हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है, फिर भी भूकंप जैसी घटनाओं से निपटने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। भारत के विभिन्न हिस्सों में भूकंप आना सामान्य है, और यह हमें बताता है कि हमें अपनी disaster preparedness (आपातकालीन तैयारियों) पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

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डिस्क्लेमर:

यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से है। भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में दी गई जानकारी का स्रोत National Center for Seismology (NCS) है। किसी भी भूकंप के प्रभावों के बारे में सही जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन या विशेषज्ञों से सलाह लें। इस लेख में दी गई जानकारी में किसी प्रकार की त्रुटि के लिए हम जिम्मेदार नहीं हैं।

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