Knowexact-news-blog-

आजकल Blinkit, Zepto, और Swiggy Instamart जैसे Quick Commerce प्लेटफॉर्म्स का कारोबार तेज़ी से बढ़ रहा है, लेकिन इसका असर छोटे दुकानदारों पर पड़ता नजर आ रहा है। All India Consumer Products Distributors Federation (AICPDF) ने इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि ये कंपनियां deep discounting और predatory pricing जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल कर छोटे दुकानदारों को मार्केट से बाहर करने की कोशिश कर रही हैं। 😡

ऑनलाइन डिस्काउंट से छोटे दुकानदारों को खतरा ⚠️📉

Online-Shopping1-
Credit: okcredit

Blinkit, Zepto, और Swiggy Instamart जैसी कंपनियां एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर भारी छूट देकर छोटे दुकानदारों के लिए मुश्किल पैदा कर रही हैं। इन ऐप्स द्वारा दिए जा रहे ऑफर्स और डिस्काउंट्स के कारण ग्राहकों का रुझान ऑनलाइन शॉपिंग की तरफ बढ़ गया है। दुकानदारों का कहना है कि इन छूटों के कारण उनके कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और उनके पास किसी भी तरह से इन प्लेटफॉर्म्स का मुकाबला करने का साधन नहीं बचा है।

ऑनलाइन कंपनियों के सस्ते प्रोडक्ट्स और तेज़ डिलीवरी सर्विसेज़ की वजह से ग्राहक उन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे छोटे किराना स्टोर के लिए अस्तित्व बनाए रखना मुश्किल हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 75-80 शहरों में लगभग 2 लाख किराना स्टोर्स बंद होने की कगार पर हैं! 😔📉

यह भी पढ़ें : क्या आप भी Refurbished फोन खरीदने की सोच रहे हैं? ये जरूरी बातें जान लें!

FMCG प्रोडक्ट्स पर छूट: दुकानदारों के लिए खतरा? 🛒💰

Online-Shopping

क्विक कॉमर्स कंपनियां अब FMCG products (Fast-Moving Consumer Goods) पर भारी छूट दे रही हैं, जो छोटे दुकानदारों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही है। जब इन कंपनियों का MRP (Maximum Retail Price) पर 10% या उससे ज्यादा की छूट दी जाती है, तो पारंपरिक दुकानदारों के पास इनसे मुकाबला करने का कोई तरीका नहीं होता।

ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स फेडरेशन (AICPDF) ने सरकार से online marketplaces के लिए कड़े नियम लागू करने की मांग की है, ताकि छोटे दुकानदारों को इस समस्या से राहत मिल सके। अगर यह स्थिति ऐसे ही बनी रही तो आने वाले समय में और भी ज्यादा किराना स्टोर्स बंद हो सकते हैं। 🏪💥

सरकार से कार्रवाई की मांग 🔴⚖️

AICPDF का कहना है कि अगर जल्दी ही कार्रवाई नहीं की गई तो छोटे दुकानदारों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। संगठन ने Indian Competition Commission (CCI) से इन कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि deep discounting और predatory pricing जैसी रणनीतियों के जरिए ये कंपनियां छोटे रिटेलर्स को ध्वस्त कर रही हैं।

इन कंपनियों के बड़े ऑफर्स से सिर्फ ग्राहकों को फायदा हो रहा है, लेकिन इसका सीधा असर छोटे दुकानदारों पर पड़ रहा है, जो हमेशा ग्राहकों के विश्वास के साथ काम करते आए हैं। अगर MRP पर निर्धारित छूट नहीं आई तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है। ⚠️

यह भी पढ़ें : राफेल M की डील फाइनल स्टेज पर, भारतीय नौसेना के लिए नए विमान तैयार! ✈️

क्विक कॉमर्स और FMCG कंपनियों की नई रणनीति 💡📦

अब बड़ी FMCG कंपनियां जैसे HUL, ITC, Parle और Adani Wilmar ने एक नई रणनीति अपनाई है। ये कंपनियां quick commerce platforms के लिए अलग से पैकेजिंग और कीमतें तय कर रही हैं। इसका उद्देश्य है कि छोटे दुकानदारों और online stores के बीच सामंजस्य बना रहे, ताकि दोनों का कारोबार प्रभावित न हो। इस तरह की रणनीतियां छोटे दुकानदारों के लिए मददगार साबित हो सकती हैं, क्योंकि अब वे भी कुछ डिस्काउंट के साथ ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं।

क्विक कॉमर्स कंपनियों का कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है और उनका अनुमान है कि 2032 तक उनका कारोबार 75 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। 📈💸

निष्कर्ष (Conclusion) 📝

Blinkit, Zepto, और Swiggy Instamart की बढ़ती लोकप्रियता और उनके deep discounts ने छोटे दुकानदारों के सामने संकट खड़ा कर दिया है। यदि सरकार ने समय रहते इन कंपनियों के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाए, तो हम देख सकते हैं कि लाखों छोटे स्टोर बंद हो जाएंगे। FMCG कंपनियों की नई रणनीतियां छोटे दुकानदारों के लिए राहत दे सकती हैं, लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि सभी पक्षों को समान अवसर मिले। 👥💬

हमसे जुड़े :

Get Daily Updates Follow WhatsApp Channel
Get Daily Updates Join Telegram Group
Follow Us Facebook | Twitter (X) | Quora
See Stories See Here

अस्वीकरण (Disclaimer) 📢

यह लेख सामान्य जानकारी और सुझावों के उद्देश्य से लिखा गया है। यदि आपको किसी व्यवसाय से जुड़ी कानूनी सलाह चाहिए, तो कृपया एक योग्य सलाहकार से संपर्क करें। किसी भी कम्पनी या व्यक्ति की स्थिति पर यह लेख आधारित नहीं है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top