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तिरुपति मंदिर से 1,000 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की BJP की मांग!

अंधेरे में भाजपा का आरोप : तिरुपति मंदिर में गैर-हिंदू कर्मचारियों की पहचान

आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) मंदिर से 1 हजार कर्मचारियों को हटाने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ताजा बयान दिया है। उनका दावा है कि ये सभी कर्मचारी गैर-हिंदू हैं। भाजपा के अनुसार, मंदिर के कर्मचारियों में कुछ ऐसे लोग हैं, जो हिंदू धर्म से संबंधित नहीं हैं। इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और TTD के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने बताया कि बोर्ड के प्रतिनिधि 14 फरवरी को मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात करेंगे और इस विषय पर उनसे मुलाकात कर गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की अपील करेंगे।

बोर्ड की आगामी मुलाकात : 14 फरवरी को मुख्यमंत्री से होगी बातचीत 🗓️

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redit: tirumala

भानु प्रकाश रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बोर्ड के सदस्य आगामी 14 फरवरी को मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य तिरुपति मंदिर में काम कर रहे गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की अपील करना है।

इस मुद्दे पर वाईएसआरसीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें इस मामले के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।

🚨 TTD का ताजा फैसला : 18 कर्मचारियों को किया गया हटाने का फैसला

TTD के अधिकारियों ने हाल ही में मंदिर के 18 कर्मचारियों को हटाने का निर्णय लिया। इन कर्मचारियों को TTD के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। ट्रस्ट ने इन कर्मचारियों के सामने दो विकल्प रखे हैं – वे या तो किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर ले सकते हैं, या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले सकते हैं। इस निर्णय का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता बनाए रखना है।

TTD के अध्यक्ष नायडू का बयान :

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Credit: lokmat

TTD के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “हमने कुछ कर्मचारियों की पहचान की है जो गैर-हिंदू हैं। हम उनसे VRS लेने का अनुरोध करेंगे, यदि वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें ट्रांसफर कर दिया जाएगा।”

⚖️ TTD के फैसले का कानूनी आधार: हिंदू धर्म के पालन की शर्त

टीटीडी के फैसले का कानूनी आधार भी मौजूद है। 1989 में जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया था कि TTD के प्रशासनिक पदों पर केवल हिंदू कर्मचारियों को ही नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने नवंबर 2023 में नियम 3 को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया कि TTD और इससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू धर्म के अनुयायी ही काम कर सकते हैं।

तीन बार संशोधन, तीन आधार : TTD की नीतियों का समर्थन

पिछले कुछ सालों में TTD अधिनियम में तीन बार संशोधन किया गया है। ये संशोधन धार्मिक संस्थानों में कर्मचारियों की नियुक्ति के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश देते हैं, जिसमें केवल हिंदू धर्म के अनुयायी नियुक्त किए जा सकते हैं। इस निर्णय को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(5) का भी समर्थन प्राप्त है, जो धार्मिक और सांप्रदायिक संस्थानों को अपने धर्म के अनुयायियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।

💰 तिरुपति मंदिर : दुनिया का सबसे अमीर धार्मिक संस्थान

Credit: pilgrimagetour
Credit: pilgrimagetour

तिरुपति का मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। TTD 12 मंदिरों का संचालन करता है और इसमें लगभग 14,000 कर्मचारी काम करते हैं। 2024 में आई रिपोर्ट के अनुसार, TTD ने 1161 करोड़ रुपये की एफडी (Fixed Deposit) कराई थी, जो अब तक की सबसे बड़ी रकम है। इसके साथ ही, TTD के बैंकों में कुल एफडी 13,287 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

💡 तिरुपति मंदिर का इतिहास और महत्व

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम दुनिया के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर स्थित है और भगवान वेंकटेश्वर का निवास स्थान है। इस मंदिर का निर्माण राजा तोंडमन ने करवाया था और रामानुजाचार्य ने 11वीं सदी में इसकी प्राण प्रतिष्ठा की थी।

🙏 तिरुपति मंदिर में दान की महत्वपूर्ण परंपराएं

तिरुपति मंदिर में भक्तों द्वारा भारी मात्रा में दान दिया जाता है। माना जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने धन के देवता कुबेर से कर्ज लिया था, और श्रद्धालु इस कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए दान करते हैं। हर साल लगभग एक टन सोना मंदिर में दान दिया जाता है।

🍬 प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू : एक स्वादिष्ट श्रद्धा

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Credit: jagranimages

तिरुपति मंदिर का प्रसाद, “लड्डू” बहुत प्रसिद्ध है। यहां रोज़ लगभग 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं, और इसे चने के बेसन, मक्खन, चीनी, काजू, किशमिश और इलायची से तैयार किया जाता है। इसकी रेसिपी करीब 300 साल पुरानी है।

🔔 विशेष दर्शन : भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के विशेष मौके

तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन दिन में तीन बार होते हैं – सुबह का दर्शन “विश्व रूप”, दोपहर का दर्शन और रात का दर्शन। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति का दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह के समय अभिषेक के दौरान ही किया जा सकता है।

सामान्य प्रश्न (FAQs):

  • क्या तिरुपति मंदिर में सिर्फ हिंदू कर्मचारी काम कर सकते हैं?
    हाँ, TTD के नियमों के अनुसार, केवल हिंदू धर्म के अनुयायी ही इस मंदिर के प्रशासनिक पदों पर काम कर सकते हैं।
  • तिरुपति में कितने लड्डू बनते हैं रोज?
    हर रोज़ लगभग 3 लाख लड्डू बनते हैं, जो श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं।

निष्कर्ष :

तिरुपति मंदिर से 1 हजार गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की भाजपा की मांग ने राजनीति में हलचल मचा दी है। TTD द्वारा इस मुद्दे पर नियमों को सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिसमें केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों को ही सेवा में लिया जाएगा। 14 फरवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जा सकता है। तिरुपति मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को देखते हुए, यह कदम मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए लिया जा रहा है। 🔔

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अस्वीकरण :

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से एकत्रित की गई है। सभी विवरण वर्तमान समय की स्थिति पर आधारित हैं और इनमें किसी भी प्रकार की सटीकता की गारंटी नहीं दी जा सकती। यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से है और किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या कानूनी दृष्टिकोण से संबंधित सलाह नहीं है। कृपया संबंधित अधिकारियों या विशेषज्ञों से परामर्श लें।

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