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पिंटू मल्लाह की संघर्ष और सफलता की कहानी

पिंटू मल्लाह और उनके परिवार की कहानी आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। इनकी मेहनत, संघर्ष और समर्पण की मिसाल पूरी दुनिया को प्रेरित कर रही है। पिंटू मल्लाह ने प्रयागराज के महाकुंभ में अपनी नावों से शानदार कमाई की और अपनी कठिनाइयों को मात दी। 🏆

नावों का बिजनेस: परिवार का सपना और समर्पण

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पिंटू और उनके परिवार ने महाकुंभ के लिए 130 नावें तैयार की थीं। इस बिजनेस में शुरुआत आसान नहीं थी, क्योंकि पिंटू को अपने परिवार का भविष्य संवारने के लिए अपनी माँ के जेवर तक गिरवी रखने पड़े थे। उनका मानना था कि इस जोखिम के बाद ही अच्छा परिणाम मिलेगा, और आखिरकार उनका भरोसा सही साबित हुआ। 💎

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कुंभ मेला: 45 दिनों में 30 करोड़ की कमाई! 💸

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पिंटू के परिवार ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में अपनी 130 नावों से लगभग 30 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की। एक नाव की तैयार करने में करीब 50-60 हजार रुपए का खर्च आता था, लेकिन कुंभ में एक दिन में एक नाव से 50 हजार रुपए तक की कमाई हो रही थी। महीनेभर में, एक नाव ने 23 लाख रुपए तक की कमाई की, जो इस बिजनेस को बेहद लाभकारी बना रहा था। 📈

फिक्स किराया, कोई शोषण नहीं! 🚢

पिंटू मल्लाह और उनके परिवार ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं से सरकारी निर्धारित किराया लिया, जो 483 रुपए प्रति व्यक्ति था। उन्होंने किसी भी श्रद्धालु से अतिरिक्त पैसा नहीं लिया और केवल पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया। इससे पिंटू की नावों की विश्वसनीयता बढ़ी और लोग उनके साथ यात्रा करने में विश्वास रखने लगे। 🙌

सीएम योगी ने की सराहना: एक सफल नाविक परिवार की मिसाल

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पिंटू मल्लाह के परिवार की सफलता की कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “यह परिवार एक सक्सेस स्टोरी है, जो अपने 130 नावों से 30 करोड़ की कमाई कर रहा है। इन नाविकों ने अपनी मेहनत और ईमानदारी से यह सफलता हासिल की है।” 🌟

महाकुंभ का आर्थिक योगदान: गांव की खुशहाली

पिंटू मल्लाह का मानना है कि महाकुंभ में उनकी भागीदारी ने न केवल उनके परिवार को समृद्ध किया, बल्कि उनके पूरे गांव की आर्थिक स्थिति भी मजबूत की। पिंटू के अनुसार, “हमारे पास खुद 70 नावें हैं और हर परिवार के पास 10-20 नावें थीं। इसने न केवल हमारे परिवार को फायदा पहुंचाया, बल्कि पूरे गांव के लोगों का जीवन स्तर भी ऊंचा किया।” 🌍

निष्कर्ष:

पिंटू मल्लाह की सफलता की कहानी यह साबित करती है कि मेहनत, समर्पण और जोखिम उठाने से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में उनकी नावों से 30 करोड़ की कमाई ने न केवल उनके परिवार की तक़दीर बदल दी, बल्कि यह हम सभी को यह सिखाता है कि यदि सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो सफलता जरूर मिलती है। उनकी यह कहानी संघर्ष, परिवार की एकता और व्यापारिक बुद्धिमत्ता का बेहतरीन उदाहरण है। 🚤💰

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अस्वीकरण:

यह कहानी पिंटू मल्लाह और उनके परिवार की संघर्ष, मेहनत और सफलता की मिसाल है। हम इस कहानी को उनके अद्वितीय प्रयासों और समर्पण को मान्यता देने के लिए साझा कर रहे हैं। हालांकि, कृपया ध्यान दें कि यह लेख केवल प्रेरणा देने के उद्देश्य से है, और किसी भी व्यावसायिक गतिविधि या निवेश के लिए इस पर पूरी तरह निर्भर न रहें। किसी भी व्यापारिक निर्णय से पहले उचित सलाह अवश्य लें। हमारी इच्छा है कि हर व्यक्ति अपने संघर्ष के साथ सफलता की ओर बढ़े, लेकिन हर किसी का रास्ता और अनुभव अलग होता है। 🌟✨

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