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Toggleउत्तर प्रदेश में शराब लाइसेंस के लिए ई-लॉटरी: 12 मार्च तक फीस जमा करें, नहीं तो आवंटन होगा निरस्त! 🍻🛑
यूपी में शराब लाइसेंस के लिए ई-लॉटरी प्रक्रिया: जानिए पूरी जानकारी
उत्तर प्रदेश में शराब लाइसेंस के लिए नई Excise Policy 2025-26 के तहत ई-लॉटरी प्रक्रिया जारी है। सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता लाना और योग्य आवेदकों को समान अवसर प्रदान करना है। इस प्रक्रिया के तहत चयनित आवंटियों को 12 मार्च 2025 तक अपनी license fees जमा करनी होगी। समय सीमा के भीतर फीस न जमा करने पर उनका आवंटन निरस्त किया जा सकता है।
ई-लॉटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा

उत्तर प्रदेश सरकार ने Excise Policy 2025-26 के तहत शराब की दुकानों के लाइसेंस आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए e-lottery system लागू किया है। इस सिस्टम से देशी शराब, विदेशी शराब, बीयर और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटित किए जा रहे हैं। यह कदम भ्रष्टाचार को कम करने और सशक्त और योग्य आवेदकों को समान अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है। 📝✨
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आवेदन और फीस जमा करने की प्रक्रिया
लाइसेंस के लिए पंजीकरण 14 फरवरी 2025 से शुरू हुआ था और 27 फरवरी 2025 तक आवेदन किए गए थे। अब, चयनित provisional allottees को निर्देशित किया गया है कि वे 12 मार्च 2025 तक license fees या चालान की प्रति जमा करें। यदि यह दस्तावेज निर्धारित समय तक जमा नहीं किया गया तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। 🔑
नई आबकारी नीति के प्रमुख बिंदु

- Composite Shops: पहली बार एक ही स्थान पर देशी शराब, बीयर, विदेशी शराब और वाइन बिक्री के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- Premium Retail Shops: प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण ₹25 लाख की वार्षिक फीस से होगा।
- Malls में दुकानें: मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें नहीं खोली जाएंगी।
- Small Bottles of Foreign Liquor: पहली बार 60ml और 90ml की बोतलों की बिक्री की अनुमति। 🍾
आवंटन प्रक्रिया की समयसीमा
लाइसेंस फीस जमा करने की अंतिम तिथि 12 मार्च 2025 है, और यह समयसीमा बेहद महत्वपूर्ण है। यदि आवेदक इस समय सीमा का पालन नहीं करते हैं तो उनका आवंटन रद्द किया जा सकता है। 📅🔴
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निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत ई-लॉटरी प्रणाली को लागू किया गया है, जिससे लाइसेंस आवंटन प्रक्रिया पारदर्शी बनी है। आवंटियों के लिए यह आवश्यक है कि वे समयसीमा का पालन करें और निर्धारित फीस जमा करें। इससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी और शराब की बिक्री अधिक पारदर्शी होगी। 💼📈
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Disclaimer:
यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से है और इसमें दी गई जानकारी सरकारी नियमों और नीतियों पर आधारित है। कृपया सभी प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों के लिए संबंधित विभाग या अधिकारियों से आधिकारिक जानकारी प्राप्त करें। हम इस जानकारी की सटीकता और अद्यतनता की गारंटी नहीं देते हैं।